पखेरू

मत कुचलो पर इनके, हवाओ से दो पल बाते करने दो |
इतिहास गँवा हैं , अधुरा इतिहास इन्हे भी लिखने दो ||
माना पखेरू है, आकाश मे उड़ जाने दो |
जमाने गुजर चले कुछ कर जाने दो ||
नादांन ना समझ है, मगर कम मत आँकना |
कदम से कदम चलने लगे , यु रोड़े मत अटकाना ||
दो पल तो जीना हैं , उत्साह उमंग से जी लेने दो |
कुछ अधूरे ख्वाब हैं , आज तो पुरा कर लेने दो ||
नन्हें दियो की लौ , खामोश ही जलने देना |
हो सके होंसलों के संग , सदा ऊंगली थामे रखना ||
पंखेरू हैं , अब आकाश मे उड़ जाने दो |
जमाना गुजर चला , कुछ नया कर जाने दो ||
                                                 
 

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