बर्बाद

कभी-कभी किसी को छोड़ देना ही अच्छा रहता है। 
क्युकी खुद से खुद को बर्बाद कर लेना कोई जीने का तरीका नही है।। 
हा जमाने का ताने,हासिल न करने का मलाल बोझ बनकर रहेगा। 
और टूटते सपने ,किए वादे ,क्या थे तुम्हारे इरादे जब कोई पूछेगा।। 
तुम तो हारे से, डरे से चुप-चाप खड़े रहोगे। 
कोई परिणाम पूछे तो उनसे क्या कहोगे।।
दिखावटी बोलकर सब आगे बड़ जाएंगे। 
पगलो की गिनती में तुम गिने जाओगे ।। 
कभी कभी किसी को छोड़ देना ही अच्छा रहता है। 
क्युकी खुद से खुद को बर्बाद कर लेना कोई जीने का तरीका नही है।। 

✍राजेश चोयल

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