अंतरमन
अंतरमन में युद्ध चलते है !
स्वयं ही जल में तपते है !!
शब्दो की सीमा से बंधे!
किंचित लक्ष्य से सधे !!
प्रश्नों की अविरल नदी !
उत्तर से भयभीत यदि !!
अपेक्षाओं से खीची लकीरे !
उपेक्षाओ से बंधी जंजीरे !!
मुग्ध आत्मचिंतन में !
अटकी गाठ बंधन में !!
कसोटी पर दे कर परीक्षा !
संतो से प्राप्त लेकर दीक्षा !!
तुम हो आत्म संदेह से लक्षित !
तुम हो आत्म विश्वास से रक्षित !!
✍राजेश चोयल
स्वयं ही जल में तपते है !!
शब्दो की सीमा से बंधे!
किंचित लक्ष्य से सधे !!
प्रश्नों की अविरल नदी !
उत्तर से भयभीत यदि !!
अपेक्षाओं से खीची लकीरे !
उपेक्षाओ से बंधी जंजीरे !!
मुग्ध आत्मचिंतन में !
अटकी गाठ बंधन में !!
कसोटी पर दे कर परीक्षा !
संतो से प्राप्त लेकर दीक्षा !!
तुम हो आत्म संदेह से लक्षित !
तुम हो आत्म विश्वास से रक्षित !!
अंतरमन में विचार पलते है !
स्वयं ही स्वयं में खपते है !!
स्वयं ही स्वयं में खपते है !!
✍राजेश चोयल
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