विश्व महामारी दिवस।.. #मासिक धर्म
विश्व महामारी दिवस।.. #मासिकधर्म एक ऐसी कड़वी सच्चाई जिसे हम हमारे घर, परिवार और समाज में देख रहें है और जी भी रहें है। एक महिला जो किसी की बेटी, पत्नी, मां, और बहन है अपने मासिक धर्म के दिनों मे न जाने कितने नियमों में बन्द कर रह गई है, समाज के अंधविश्वासी लोगों ने उसे गुलाम बनाकर रख दिया है। आज की जेनरेशन पढ़ी - लिखी होनें के बावजूद अपने बड़ों के सम्मान में इस विषय में बोल नहीं पाते है। यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे लोग एक गुनाह की नज़र से देख रहे है, जो महिलाओं की नेचुरल प्रकिया है, जो किसी एक महिला के साथ ना होकर समस्त महिला जाति के साथ होती है, हमने और हमारी समाज ने महिलाओं कों कितना गुलाम बनाकर रख दिया है क्या क्या नहीं हो रहा आज हमारे सामने, महिलाओं को उन दिनों में मन्दिर में नहीं जाना, किचन में नहीं जाना, यहां तक कि प्यासे मर जाना लेकिन खुद के हाथ से पानी भरकर तक नहीं पी सकते, क्यों ये कोई बीमारी है क्या? इस lockdown में हमने सिर्फ मजदूरों को देखा है, शायद महिलाओं पर इतना ध्यान नहीं दिया होगा, कैसा रहा होगा उनका वो सफर जिसमे इतनी चिलचिलाती धूप में मासिक धर्म के दिनों में भी पैद...