ग़ज़ल
❤❤ग़ज़ल***
किसी की याद ना आये,
कोई ऐसी दुआ दे दो..!
मुझको कर दे जो बरबाद ऐसी बद़दुआ दे दो..!!
गया महबूब है मेरा अभी,
मुझसे ख़फा हो कर..!
धड़कना बंद कर दें दिल,मुझे ऐसी सज़ा दे दो..!!
मेरी न बंद हों आँखें न,
मुझको नींद अब आये..!
किसी का ख़्वाब न देखूँ,कोई ऐसी दवा दे दो..!!
मोहब्बत को हमेशा ही,
इबादत हम समझते हैं..!
ख़ता कोई हो नहीं जाये,खुदा ऐसी वफ़ा दे दो..!!
अगर हमदर्द कोई ऐसा,
तुम्हारे जैसा मिल जाये..!
करे "वीरान" को आबाद जो,उसका पता दे दो..!!
✍🏻 आरती सुनील कदम
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