प्रतिज्ञा


सूर्य सा चमक लिए, सारे जग को नयी भोर दूंगा।
बादल सा खनक लिए , सारे जग को घनघोर दूंगा।।
स्वयं जलता रहू कर्म की ज्वाला से , जो अंधेरो से लड़ना है।
स्वयं भरता रहू अभाग्य की हाला से, जो थपेड़ों से गिरना है।।
✍🏻राजेश चोयल

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