जाने क्या हो गया है

     
ना जाने मेरी ज़िन्दगी में ये क्या हो गया है,
जो अपना था वो भी पराया हो गया है,
ना जाने जीवन किस राह पर मुड़ गया है,
बचपना भी जाने कहाँ खो गया है,
ना जाने मेरी ज़िंदगी मे क्या हो गया है।

चल रहा है किस्मत की लकीरो के रास्ते।
शायद जीना है मुझे इसी तरह अपनो के वास्ते।।
मेरे दोस्तों से मिले हुए एक अरसा हो गया है।
ना जाने मेरी ज़िन्दगी में क्या हो गया है।।
                                              ✍🏼शुभम राजोरिया
                                                      इंदौर

टिप्पणियाँ

  1. ना जाने क्या हो गया है
    ना जाने क्या हो गया है
    देखो देखो
    एक इंजीनियर शायर हो गया है ।

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