बेरोजगारी

बढ़ गयी माथे उधारी, जो सब मांगने लगे।

बढ़ गयी बेरोजगारी, जो सब बताने लगे ।।

पिताजी जो हमारे ATM है, उनके पिन (पासवर्ड) बदल गए।

जीजाजी जो हमारे लाला है, उधार देने से मना कर गए।।

सब कहते "भाई" छोटा-मोटा काम ही कर लो।

खाली बैठे हो,सरकारी परीक्षाओं के फार्म भर लो।।

रात देरी से सोता, सुबह देर तक उठता।

क्या बताए भिया, अब पड़ोसी भी पूछने लगता।।

चौकीदार कहता मकान मालिक ने याद किया है।

बाकि है या बिजली बिल भर दिया है।।

अखबारों में पढ़ खबरे, सेव परमल फांकता ।

अकेला रहता हूँ, तो खिड़की से  झाँकता ।।

फ़िक्र से भरी दुनिया भाग रही , "न जाने कहा जाना है"

मैं तो निठल्ला हूँ जी, भगवान ही जाने "कहा मेरा ठिकाना है"

      ✍🏼राजेश चोयल

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